Monday, June 07, 2021

सीके का प्रतिस्प्रधा प्रशांत किशोर से है

प्रतिनिधिसभा निर्वाचनको तयारीमा जुट्यो डा. सीके राउत

सीके की प्रतिस्प्रधा प्रशांत किशोर से है। प्रशांत किशोर भी अब राजनीति में आ गए हैं। बिहारी हैं। (प्रशांत किशोर क्या बिहार को २०% आर्थिक वृद्धि दर २० साल के लिए दे सकते हैं?)

जसपा खुदबखुद रण छोड़ के चली गयी। उप तक पहुँचे। राजेन्द्र महतो: उप प्रधान मंत्री। उपेन्द्र यादव: उप प्रधान मंत्री। महंथ ठाकुर: उप सभामुख। उससे उपर का रास्ता तो ढक्कन बंद है। मानसिक दासता का ढक्कन। (राजेन्द्र महतो र उपेन्द्र यादव मिल्नु का कारण हरु र मिल्ने तरिका हरु)

जसपा के रण छोड्ने से जो वैक्युम (vacuum) पैदा हुवा है वहाँ कांग्रेस कम्युनिस्ट आ गए तो जिम्मेवारी जनमत पार्टी की हुवी। डबल ताकत लगा के उस वैक्युम (vacuum)  से कांग्रेस कम्युनिस्ट को दुर रखना होगा। (लथालिंग विपक्ष)

एक चुनावमा देश कब्ज़ा: भ्रष्टाचारको मुद्दामा



यहाँ पर देखिए। जेसन बोर्न को छलांग लगाना है। वो एक बार में करना है कि वो हॉप, स्टेप, जम्प करेंगे तो भी काम चलेगा? भ्रष्टाचार के मुद्दा को कसके पकड़ के, चुनाव को क्रांति का रूप दे के, एक ही बार में केंद्र में सत्ता स्थापित करनी होगी। ४६ साल में गणेशमान के पास कितना पैसा था? साधन स्रोत की कमी समस्या नहीं होती। मुद्दा प्रधान होता है। गणेशमान का देशव्यापी संगठन तो आंदोलन सफल होने के बाद बना। मुद्दा प्रधान होता है। 

किसी सीट पर जनमत पार्टी के उम्मेदवार की हार हो गयी और जितने वाले और जनमत पार्टी के उम्मेदवार के बीच मत की दुरी २०% से अगर कम है तो गलती उम्मेदवार की हुवी। या पार्टी की ही की आपने गलत उम्मेदवार क्यों खड़ा किया? लेकिन वो फासला २०% से अधिक है तो पार्टी की हार हुवी। आपने मुद्दा ठीक ढंग से न उछाला। आप ने संगठन न बनाया। आप का चुनावी अभियान दुरुस्त न रहा। साधन स्रोत का सही इस्तेमाल नहीं किए। 

वो २०% वाला फोर्मुला मेरा नहीं प्रशांत किशोर का है। 

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