Monday, January 22, 2007

मधेश जल रही है






Monday, January 22, 2007
मधेश जल रही है


अाग लग गयी है मधेशमें
देखो मधेश जल रही है

सडक पर उतर अाए लोगोंको देखो
नेता कार्यकर्ताकी तो बात ही नहीं है
अप्िरल क्रान्ितमें जनतानें नेताको नेतृत्व िदया
इस मधेशी अान्दोलनमें भी वही हाल है
जनता अागे नेता िपछे
शहीद हो गए हैंंं बहुतन

हमें शहीद नहीं चािहए, हमें शान्ितं चािहए
हमें तो शान्ितपूर्ण क्रान्ित चािहए
हमें एक िनर्णायक मधेशी अान्दोलन चािहए

हमें मधेश नामका अलग राज्य नहीं चािहए
हमें मधेश नामका अलग देश नहीं चािहए
हमें तो पुरे नेपालका एक प्रत्यक्ष िनर्वािचत
मधेशी राष्ट्रपित चािहए

हमें समानता, शान्ित अौर समृद्िध चािहए
हमें अपना अिधकार चािहए
इिसिलए दे दो हमें एक िनर्णायक क्रान्ित
अा जाअो सडक पर हात िमलाअो
गले लग जाअो
नारा लगाअो
िचर के रख दो अाकाशको
तािक भावी पीिढ तक अावाज पहुँचे

गाँव गाँवमें संगठन िवस्तार करो
वार्ड वार्डमें संगठन िवस्तार करो
पर्चा बँडबाअो, पोस्टर लगबाअो
गले लग जाअो
नारा लगाअो

ये अार िक पारकी लडाइ है
मधेशी अिधकार: अभी नहीं तो कभी नहीं
ये िनर्णायक संघर्ष है
इसीकी तो इन्तजार थी हमें सिदयो से
क्यँू इतनी इन्तजार करवायी

िवराटनगर, राजिवराज, लहान
जनकपुर, जलेश्वर, मलंगवा
वीरगंज, भैरहवा, नेपालगंज, धनगढी
सब एक एक कर कब्जा कर लो

मधेशकी िमट्टीकी कसम
अा जाअो सडक पर
ये सडक तुम्हारा है

Friday, December 29, 2006

िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब


िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब
मधेशके िमट्टीकी कसम
तूफान खडी कर दो
ले लो कब्जे में
झापासे कञ्चनपुर
एक क्रान्ित िफर से कर दो

बगावत हो जाएगी
छयालीस सालकी बात थी
गजेन्द्र बाबुने कहा
पहाडी राजाने पहाडीयोको प्रजातन्त्र िदया
हमें क्या िदया
एक क्रान्ित िफर से कर दो

लोकतन्त्रकी बात करते ये पहाडी
लेिकन उनके लोकतन्त्रमें
एक व्यक्ित एक मत नहीं होता
नहीं तो बराबर जनसंख्या पर
संसदीय सीटे होती
एक क्रान्ित िफर से कर दो

सात सालमें मधेसीको बन्दूक थमाया कृष्ण प्रसादनें
क्रान्ित की मधेसीके कन्धे पर बन्दूक रखके
छयालीस सालमें प्रधानमन्त्री बना तो उसने कहा
मधेसी कायर होते हैं
इसी िलए नहीं भर्ती करते हम सेना में
एक क्रान्ित िफर से कर दो

दश साल पहले पहाडीयोनें अाँकरा बनाया
बयालीस लाख बगैर नागिरकता पत्रके हैं
अाज वो दश साल बाद तीस लाखको नागिरकता पत्र
देने जा रहे हैं
ऐसी बर्ताब रही तो टूट जाएगी देश
एक क्रान्ित िफर से कर दो

िकसी भी मानवको नागिरकता पत्रसे वञ्िचत करना
मानव अिधकारका हनन है
िलखा है मानव अिधकारके घोषणापत्रमें
लेिकन पहाडी मानव अिधकारवादी संगठनें
चूं नहीं बोल्ते
एक क्रान्ित िफर से कर दो

पृथ्वी शाहके राजा बननें से हजारो साल पहले
एक राजा जनक हुवा करते थे
अाज ये िमिथलावासीको भारतीय कहनेका
दुस्साहस करते हैं
ले लो वतन या दे दो वतन
एक क्रान्ित िफर से कर दो

जनसंख्या है हमारे पास
एक व्यक्ित एक मतका लोकतन्त्र अा जाए
तो राज्य पर होगा हमारा कब्जा
लेिकन वो कह रहे नहीं चािहए वैसा लोकतन्त्र
ले लो उसे िछनके
एक क्रान्ित िफर से कर दो

पत्ता साफ करो मोरङसे कोइराला खान्दानका
राणा गए, शाह गए, कोइराला भी जाएंगे
जमानत जफ्त करो माधव नेपालका
रौतहटमें, प्रचण्डको कहो काठमाण्डुमें ही रहे
िचतवन हमारा है
एक क्रान्ित िफर से कर दो

हेम बहादुर धनुषासे िजते
शरद िसंह महोत्तरीसे
ये क्या नौटंकी है
िजता है क्या कोइ यादव
काठमाण्डुसे
एक क्रान्ित िफर से कर दो

एमालेवाले चीनका हँसुवा हथौडावाला झण्डा
टाङ्ते है
कोइ अापत्ित नही िकसीको
सद्भावनाके झण्डाको कहते हैं
भारतका ितरङ्गा है
एक क्रान्ित िफर से कर दो

अपने अापको मधेसी क्यों बोल्ते हो
नेपाली बोलो कहते हैं
बोलो उनको, मानवताके उचाइको देखो
संकीर्ण िवचार छोडो, मानव बोलो,
नेपाली क्यों बोल्ते हो
एक क्रान्ित िफर से कर दो

िहन्दी ही तो है मधेशकी पहचान
नहीं तो मधेशी, भोजपुरी, अविध, उर्दुमें बँटे हैं
िहन्दी ही तो है पुरे मधेशको एक करती है
सम्पर्क भाषा है
िहन्दीको उसकी जायज जगह दो
एक क्रान्ित िफर से कर दो

अिधकार भीख की तरह नहीं माँगी जाती
अिधकार तो िछन्ना परता है
तमुनेे अप्िरलमें जैसे िछना
अप्िरल क्रान्ितका शंखघोष तुमने
जनवरी १२ को जनकपुरमें िकया
एक क्रान्ित िफर से कर दो

ललकारो उन मधेशीयोको
जो अात्मघृणाका भाषा बोल्ते हैं
गाँव गाँवमें जाअो
संगठन िवस्तार करो
उजाला फैलाअो
एक क्रान्ित िफर से कर दो

मधेशके िमट्टीकी कसम
िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब

Monday, April 10, 2006

ये तो क्रान्ित है

कोइ कहते हैं ये आन्दोलन है
दो चार लोग सडक पर इकट्ठा करेंगे
ओैर जाएंगे राजासे िभख माङ्ने
कहेंगे प्रभु दे दो प्रजातन्त्र, कृपा करो
इकट्ठा तो कर ही ली है हमने भीड
दुरबीन लगा के देख लो
खुद अपनी आँखोंसे
क्युँ िछने
िछने भी तो अब तो वापस कर दो
बहुत हो गई
मैलमें क्युँ उतर आए
वो िकचड तो हमारे िलए है
तुम वापस िसंहासन पर िवराजमान हो जाओ
बहुत हो गई
लेिकन मैं कहता हुँ ये तो क्रान्ित है
जनता सडक पर उतर आई है
मनसुन क्या खाक आएगी
ये तो मनसुनसे पहले क्रान्ित आ गई
मनसुनकी तरह
लोगोंके मुहसे िनकल रही बािरसको देखो
क्या बौंछार है
एक जमाना था
जगह जगह मलेिरयाका प्रकोप था
सब जगह पोिलयो िथ
देश देशमें एक राजा हुवा करता था
पोिलयो तो समाप्त हुई
राजतन्त्र भी समाप्त होगी
श्री ५ का भी कोइ सरकार होता है क्या
सरकार तो जनताकी होती है
उसको नेपाल सरकार कहके बुलाया जाता है
ये एक बच्चा पैदा हो रहा है
नेपालमें पहली बार लोकतन्त्रकी स्थापना होने जा रही है
कोइ इसको नेतृत्व क्या देगा
बाढ जो नदी में आती है
उसको कौन नेतृत्व देता है
ये तो क्रान्ित है
आग लग चुकी है
ज्वाला धधक रहा है
लोगोके चेहरा पर गर्व है
उस गर्वको देखो
वार्ताकी तो बात ही न करो
बात आगे बढ चुकी है
ये कोइ हडताल है जो वार्ता होगी
ये तो क्रान्ित है
क्रान्ितकी एक लक्ष होती है
देखो लोगोंको कैसे सडक पर उतर आए हैं
िदलमें धधक रही आगको देखो
ये तो स्वतन्त्रताकी उन्माद है
कैसे मस्त मस्त झुम रहे हैं
कीर्ितपुर, िचतवन, मैतीदेवी गणतन्त्रकी घोषणा कर ली
वार्ता कहाँ हुइ
रुपन्देहीमें नाम दे िदया उन्होने
नेपाल सरकार, नेपाल सरकार
बगैर वार्ताके
ये तो क्रान्ित है
क्रान्ित एक क्रान्ितकारी संसदकी स्थापना करती है
क्रान्ित वार्ता नहीं करती
ये बन्दरका खेल नहीं, ये तो क्रान्ित है


Saturday, December 23, 2006

गामघर

देशिवदेश चइल् गेलन् लोक
बोिरयािवस्तर बाइन्हके
साँझअन्हार खोज्लोसे न भेटत्
केकरा केकरा अाँहा किथ कहबई

मन तइयो पिरते होतइ िक
दुरादरबज्जा, खेतखिरहानके
मालजालके अगर पोरा, घाँसफुस
कएने होतइ एक्को बेर
हाटबजार प जाके मछरी किहयो
अगर िकन्ने होतइ
से थोडे िबसिर जतइ

कतनो होतइ हवाइजहाज प चढल
त गरीबइल थोडे िबसिर पतइ
टाइसुट पहनइत समयमें
लुङगी अा गम्छाके जरूर याद
होतइ अबइत

कतनों ढउवा कमा लेतइ
त जनमधर्ती के याद कतः जाके खिरदतइ
वापस त फेनु अाबहीके हइ

चाहे दु िदनके लेल
घुमे अबउक
अा चाहे
सब िदन के लेल
चिल अबउक
अाबेके त हएबे टा करइ


पहाडी मधेशी दंगा
सद्भावना रोडम्याप
नेपालमा दमजम अान्दोलनको अावश्यकता
नेपालमा संसारको नम्बर एक लोकतन्त्रको स्थापना हुन सक्छ
राजतन्त्र, बाहुनवाद र भर्ष्टाचार समाप्त पारौं
राजतन्त्र, बाहुनवाद र भर्ष्टाचार समाप्त पारौं
प्रस्तािवत संिवधान
वीपी र िगिरजाको कहानी
िगिरजा, माधव, प्रचण्ड सब एक जैसे हैं
Rajendra Mahto: नागरिकता विधेयक खोतल्दा
नेपालको अन्तरिम संविधान
नेपाली कांग्रेसको संविधान मस्यौदा
माओवादीको संविधान मस्यौदा
मधेशीसँग संख्या छ, शिक्त छैन
डा. कटक मल्ल: सुन्दर, शान्त र शिष्ट नेपालको निर्माणका लागि
ितमीले देखाइ िदयौ
कर्फ्यु तोड्न आह्वान गर्नेले
जाउलो खाएर क्रान्ित गर
जनआन्दोलनको कार्यक्रम
क्रान्ितलाई नबुझ्नु, बुझ पचाउनु
ये तो क्रान्ित है
यो सडक ितम्र्ो हो
हृदयेश त्रिपाठी: मधेसी समस्या र राज्यको पुनर्संरचना
संघीय गणतन्त्र
कांग्रेसले रोज्नुपर्ने बाटो
अहिंसाका प्रश्न
डा बाबुराम भट्टराईलाई शान्तिको सन्देश
डा बाबुराम भट्टराई: आन्दोलनको उत्कर्ष र त्रस्त सत्ता
मधेशी अधिकारको कुरामा पहाडीहरुको सहभागीता
प्रवासी नेपाली: "नैतिक समर्थन कायम राख्दै भौतिक समर्थन थप्ने।"
भूपि शेरचन, गोपालप्रसाद रिमाल, प्रवर जिसी
मधेशी पहचान
देशव्यापी पम्फलेटिङ
प्रहार गरिहालौं
अइ आन्दोलनमें मधेशी अधिकारके बात
लोकतान्त्रिक गणतन्त्र नै किन?
चुनाव बहिष्कार बाहेक विकल्प छैन: सात दल

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