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Thursday, March 10, 2016

कड़ा तर छोटो आंदोलन

सम्पुर्ण मधेस सम्पुर्ण देश सम्पुर्ण काल का लागि बंद गर्ने किसिमको कड़ा तर छोटो आंदोलन को परिकल्पना शायद सही हो। पंचायती स्टाइल मा धरपकड़ र झुठा मुद्दा अभियान मा लागेको पहाड़ी सरकार ले आँ गर्यो, अलंकार बुझ्नु पर्छ। सहमति र समाधान र सदाचार को बाटो देख्न चाहेका छैनन्। २१ औं शताब्दीमा अपार्थाइड को प्रयास भैरहेको छ नेपालमा।

चार हप्ता भित्र आंदोलन लाई निष्कर्ष मा लाने किसिमको रोडमैप हुनुपर्छ। त्यो भनेको १००% नाकाबंदी पनि हो। बॉर्डर को दुबै तर्फ बाट। ममताको सहयोगले कोलकाता बाट।

जनजाति जाग्नुपर्छ काठमाण्डु मा। आंदोलन को केंद्रविंदु अब काठमाण्डु हुनुपर्छ। सिंह दरबार र बालुवाटार छोप्नुपर्छ।

चार हप्ता भित्र निष्कर्ष सामुन्ने न आए अंतरिम संविधान अंतरिम सरकार का बारे सोच्नुपर्छ।


Monday, October 05, 2015

दक्षिण अफ्रीका की भी नाकाबंदी हुइ थी

दक्षिण अफ्रीका की भी नाकाबंदी हुइ थी और इन्ही कारणों से। दिल्ली के लोगों में अभी तक एक denial रहा है। वो ये मानने को तैयार ही नहीं थे कि नेपाल जैसे देश में जो भारत पर सब चीज के लिए २००% निर्भर है, देश बंद कर दो तो दो हप्ते में घुटने पर आ जाती है, वो देश जो बहुसंख्यक हिन्दु है, भारत के तरह, उसी देश की राजनीति की number one organizing principle ही Indophobia रहती है। ऐसा संविधान लिखा है कि मधेसी को औपचारिक रूप से ही दूसरे दर्जे का नागरिक बना के रखे हैं। ५० लाख मधेसी अनागरिक रहेंगे। भारत की बेटी जो शादी कर के नेपाल जाएगी वो आजीवन दूसरे दर्जे की नागरिक बन के रहेगी। जो मधेसी नागरिक है उनको एक व्यक्ति एक मत नहीं। वो इसलिए कि वो कहते हैं, चेहरा तो देखो, मधेसी तो भारतीय है। कौन भारतीय है, कौन चीनी, कौन रुसी वो अलग तर्क है। लेकिन जिस देशका शासक वर्ग सिर्फ इसलिए कि एक समुदाय का चेहरा भारतीय है उस समुदाय को दुसरे दर्जे का नागरिक बना के रखने का भरमग्दुर प्रयास करना चाहिए कहते हैं करते हैं ---- उसके प्रति भारत का क्या रवैया होना चाहिए?

मैं तो कहता हुँ सभी मधेसी दलों को हटो नाकाओं से। भारत को चाहिए की अपने संसद में बिल पास कर के औपचारिक रूपसे ही नाकाबंदी करे। दक्षिण अफ्रीका की भी नाकाबंदी हुइ थी। नेपाल की भी नाकाबंदी होगी। औपचारिक रूप से होगी। खुलेआम होगी।

मैं जिंदगी में पहली बार सुन रहा हुँ ----- मधेसी शब्द इससे पहले पटना, लखनऊ, दिल्ली में था ही नहीं। अब जगे हो तो उठ कर बैठ जाओ, विस्तर से उतरो, खड़े हो जाओ, दौड़ो भी। मधेसी समानता चाहते हैं। Basic Rights. We have the good looks, now we also want the basic rights. What we are dealing with is nothing less than soft apartheid.

नाकाबंदी ले काम गरेको छ
India Should Call A Delhi Summit And Actively Mediate
Madhesi Self Hate, Indian Self Hate: One And The Same
बंद हुँदा पनि प्रतिक्रिया मा बिभेद
आपूर्ति मा चीन ले भारत को स्थान लिन सक्दैन
Nepal-China-India
नेपाल भारत रोटी बेटी सम्बन्ध तोड्ने संविधान
समस्याको समाधान: नेपाल भारत राजनीतिक आर्थिक एकीकरण
भने पछि सरकार र संविधान ढाल्नु पर्ने भो: Humpty Dumpty संविधान
#HumanChainTerai
राहुल जी, आप किस दुनिया में रहते हैं?
यो यति हरामी संविधान बनेको छ
Mass Grave Enearthed In Janakpur
Hrithik Roshan Riots Redux?
Why Nepal's New Constitution Is A Sham
SSS = KKKK
The Indian Century Begins In Nepal