Sunday, February 18, 2007

चुनावी जंग






सडक तो कब्जा कर ली
अब सत्ता कब्जा करेंगे
मधेश राज्यकी स्थापना
ब्यालट बक्सके बल पर करेंगे
ताकत तो भोटमें है

मधेशी अगर शहीद हो सकते हैं
तो मधेशी मत भी तो दे सकते हैं

कृष्ण िसटौला राजीनामा नही देता
तो उसका झापामें जमानत जब्त करेंगे
उसका भी, िगिरजाका भी िवराटनगरमें
माधवका भी गौरमें

कृष्ण िसटौलाका राजीनामा नमाङ्नेवाले
प्रत्येक पार्टीका मधेशसे पत्ता साफ करो
शहीदोंका अपमान न सहो
तख्ता पलट दो
जो कुर्बानी तुम्हारे िलए हुइ है
उसका तो अादर करो

िजन िजन क्षेत्रोमें मधेशीका बहुमत है
उन क्षेत्रोमें कोइ पार्टी गैर मधेशीको उठावे
तो उस पार्टीका मधेशसे पत्ता साफ कर दो
संघीय सरकारके अन्तर्गत मधेश राज्यकी नक्शा बगैर
कोइ मधेशी चेहरा भी अा जाता है सामने
तो उसका भी पत्ता साफ करो
गुलाम मधेशीयोकी भी छुट्टी कर दो

शहीदोंका अपमान न सहो
तख्ता पलट दो
जो कुर्बानी तुम्हारे िलए हुइ है
उसकी तो अादर करो

सडककी लडाइ तो तुमने िजत ली
अब संगठनकी लडाइ भी िजतके िदखला दो
चुनाव एक रणभूिम है
जंगमें उतर जाअो

सडक पर उतर जाना
देशको प्यारालाइज कर देना
अिहंसा है

उस अिहंसाको चलो अब एक दुसरे लेभल पर
ले चलते हैं
क्रान्ित तो कर दी
अब मुझे शक्ित दो

हमें एक मधेश राज्य चािहए
वो दे दो
नेपालका पहला राष्ट्रपित
मुझे एक मधेशी चािहए
दे दो
मुझे

चुनाव एक जंग है
मैदानमें उतर जाअो
िजतके िदखा दो मुझे
मुझे सान्त्वना नहीं चािहए
मुझे तो िवजय चािहए
समानता अौर अिधकार पर्याप्त नहीं हैं
मुझे शक्ित चािहए, शक्ित दो

चुनावी जंगमें
क्रान्ितको शक्ितमें बदल दो

िजस राष्ट्िरय पार्टीके केन्द्रीय सिमितमें
कमसेकम एक ितहाइ मधेशी नहीं
उस पर हमें शंका है
उसका तो मधेशसे पत्ता साफ करो

पहाडी पार्टीके पहाडी नेतासे मधेश राज्यकी माङ
मत करो
वो माङ मधेशी जनतासे करो
ताकत नेतामें नहीं, मतदातामें है
उसीको तो लोकतन्त्र कहते हैं
एक व्यक्ित एक मत
एक मधेशी एक मत
एक पहाडी एक मत
एक नेपाली एक मत

संगठन िवस्तार करो
पहाडी पार्टीयोको छोड दो
गुलामीकी जंजीरको तोड दो

मधेशी एजेण्डापर एक हो जाअो
मधेशी गठबन्धन बनाअो
चुनावी तालमेल करो
देखो भोट कटे नहीं

मधेशीका पैसा लेकर ये पार्टी
उसी पैसासे चुना खरीद कर
उसी मधेशीके िदवाल पर
माडे चोर देश छोडका नारा िलखते अाए हैं
कब तक सहोगे
बन्द करो चन्दा देना

चन्दा दो उन्हें जो
मधेश राज्यकी स्थापना करेंगे
अौर केन्द्रमें सरकार भी बनाएंगे
मधेशी क्रान्ितमें ताकत है
उस क्रान्ितको चन्दा दो

देशमें तख्ता पलट करनी है
शहीद अगर कुर्बान हो सकते हैं
तो तुम चन्दा दे सकते हो
शहीद अगर कुर्बान हो सकते हैं
तो तुम मधेशी एजेण्डा िलख सकते हो
शहीद अगर कुर्बान हो सकते हैं
तो तुम मधेशी गठबन्धन बना सकते हो
तुम्हें शहीदोकी कसम
शहीद अगर कुर्बान हो सकते हैं
तो तुम मधेश राज्यकी स्थापना तो जरूर करोगे
ब्यालट बक्सके बल पे

संघीय सरकार बनाने से देश टुटती नहीं
मधेश राज्य मधेशीयोको चािहए
गैर मधेशीका इसमें दाल नहीं गलता
मधेश राज्यके स्थापनाके िलए
मधेशी भोट पर्याप्त है
पहाडी नेताअोंकी िबन्ती करना बन्द कर दो
रणभूिममें जाअो
मधेशी मतदाता तुम्हारा बेसब्रीसे इन्तजार कर रहे हैं
िदल देंगे, भोट कौनसी बडी बात है़
जान दे िदए
भोट कौनसी बडी बात है़
चन्दा तो िदल खोलके देंगे

मधेशी एजेण्डाके िवपिरत जानेवालोंकी
मधेशसे सफाया होगी
मधेशी करेंगे

सडक तो कब्जा कर ली
अब क्रान्ितको शक्ितमें बदलके िदखा दो
एक चुनावी लहर पैदा करो
सफाया कर दो
उन लोगोका

मुझे मधेश नामका राज्य चािहए
नेपालका पहला राष्ट्रपित
मुझे एक मधेशी चािहए
दे दो
बहुत इन्तजार करवायी
बहुत हो चुकी अब तो
बेसब्रीकी भी एक हद होती है
सयकडो हजारो सालसे दबी अानको
बाहर अा जाने दो
झुम से जाअो
दफन कर दो
दासता को
स्वतन्त्र हो जाअो
पहाडीयोंसे बराबरीकी साझेदारी लेंगे
इितहासमें पहली बार
नेपाल नामके देशकी िनर्माण होने जा रही है
हम तो पहले कभी नेपाली थे ही नहीं
अब अगर नेपाली बनेंगे तो
बराबरीकी साझेदारी होगी
मधेशी हम लेंगे सौ में पचास

क्रान्ित कर दी
अब चुनावी जंग
िजत के िदखा दो
सडककी क्रान्ित तो कर दी
अब ब्यालट बक्सकी क्रान्ित कर दो
तब संिवधान सभाके िभतर क्रान्ित होगी
वो क्रान्ित मधेश राज्यको पैदा करेगी
जलशेकी तैयारी बडे धुमसे करना

िवजयकी सुगन्ध अा रही है
समानता अौर अिधकार पर्याप्त नहीं हैं, हमें तो शक्ित चािहए
माघे क्रान्ित
सत्ताधारी सात पहाडी पार्टीको घैंटोमा अझै घाम लागेको छैन
सरिता गिरी: अशान्त मधेस, नया नेपाल
माघे क्रान्ित, राजावादी र िहन्दु कट्टरपन्थीबारे
डटे रहो
शान्ित वार्ता क्या, िवजय घोषणा करो
बराबर जनसंख्याबाला २०५ सीट
मधेश जल रही है
िफर से कह दो एक बार इन्िकलाब
पहाडी मधेशी दंगा, मधेशी जनजाित गठबंधन, र िनर्णायक, अिहंसात्मक अन्ितम अान्दोलनको खाँचो
सद्भावना रोडम्याप
नेपालमा दमजम अान्दोलनको अावश्यकता
नेपालमा संसारको नम्बर एक लोकतन्त्रको स्थापना हुन सक्छ
राजतन्त्र, बाहुनवाद र भर्ष्टाचार समाप्त पारौं
राजतन्त्र, बाहुनवाद र भर्ष्टाचार समाप्त पारौं

No comments: