Tuesday, February 27, 2007

पुरे देशको प्यारालाइज कर दो





नहीं चािहए कंस िसटौलाका राजीनामा
अब तो िगिरजाको ही जानी होगी
इस पुरे सरकारको खसानी होगी

मधेश बन्द रहे
जब तक ये सरकार न िगरे
मधेश बन्द रहे

मधेशके प्रत्येक सरकारी कार्यालयके
साइनबोर्ड पर
िलख दो
मधेश सरकार, मधेश सरकार

उपेन्द्र यादव
अन्तिरम राष्ट्रपित बनेंगे
संघीय गणतन्त्रका घोषणा
उपेन्द्र यादव करेंगे

वार्ताकी अब कोइ गुंजायस नहीं रह गयी
अब तो िवजयकी अोर बढो
कोइ माङ मत करो
पुरी करानेकी कोइ माङ अब बाँकी नहीं रह गइ
अिधकार माङी नहीं जाती
अिधकार िछनी जाती है
िछन लो

नेवारको काठमाण्डु बन्द कर देनी होगी
नेवा राज्यकी स्थापना अभी होगी
िकरातको कहो पुर्वी पहाड पुरे बन्द कर दे
जब तक ये सरकार न खसे
तामाङको, गुरूङको बोलो
मुँह क्या ताक रहे हो
अा जाअो सडक पे
मधेशी क्रान्ित तुम्हारे िलए
उपहार लाई है
मगरको बोलो
पुछो
ितब्बतीयोंके जैसी दासता चािहए
या वास्तवमें संघीय राज्य चािहए
संघीय गणतन्त्र चािहए
तो
मधेशी जनजाित क्रान्ितमें
सम्िमस्रण हो जाअो

तुम्हें संघीय गणतन्त्र िमलेगी
अभी िमलेगी
जरूर िमलेगी

खसको खसान देंगे
बाँकी ले लेंगे
जो हमारा है
वो हम लेंगे

उपेन्द्र यादव
अन्तिरम राष्ट्रपित बनेंगे
अोम गुरूङ
अन्तिरम उपराष्ट्रपित बनेंगे
संघीय गणतन्त्रका घोषणा
उपेन्द्र यादव करेंगे

सात पार्टीको ४०% सीट िमलेगी
२५% मधेशी गठबन्धन लेगी
२५% जनजाित गठबन्धन लेगी
१०% दिलत गठबन्धनको िमलेगी
प्रत्येक क्याटेगोरीमें
एक ितहाइ मिहलाको
एक नयी अन्तिरम संसद बनेगी
जम्मा ३०० सीटवाला

प्रत्येक मधेशीको
नागिरकतापत्र िमलेगी

देश संिवधान सभाको जाएगी
३०० सीटके िलए
समानुपाितक िनर्वाचन होगी
पुरा देश एक िनर्वाचन क्षेत्र बनेगा
राजनीितक पार्टी हितयार नहीं रख सकता
उसके अलाबे कोइ िनयम नहीं होगी
कमसेकम १% मत लानेवाले
प्रत्येक पार्टीको
सीट िमलेगी
राष्ट्िरय पार्टीकी
मान्यता िमलेगी

संिवधान सभा राज्यके प्रत्येक संरचनाकी
पुनर्संरचना करेगी
मन्त्रालय, सेना, प्रहरी
सबके सब

संघीय गणतन्त्रका घोषणा
उपेन्द्र यादव करेंगे

नहीं चािहए कंस िसटौलाका राजीनामा
अब तो िगिरजाको ही जानी होगी
इस पुरे सरकारको खसानी होगी

पुरे देशको प्यारालाइज कर दो
जब तक ये सरकार न िगरे

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4 comments:

Unknown said...

Do you even have decency to unsubscribe those who did not want your sh*t?
I have repeatedly unsubscribed your blog to be subscribed again. This is too much of a sh*t. Please refrain from infringing upon the privacy. This is my final request before I move to the court.

Anonymous said...

I had unsubscribed to these shit*y remarks, but again it has started to come to my mailbox. This guy has right to express, but has got no right to sneak in to other's mailbox.
We have to do something about it.

Anonymous said...

Would you please stop filling my mailbox with your emails. This is just too much dude!

Anonymous said...

U ass hole rascle u dont send any mail to my mailbox ok. if u send any more nonsense then I know how to screw you.
You stupid gunk sala kya samajhta hain apne aapko . sala toilet ka estimal karna nahi aata madar chod desh kaise chalayega. Pahele sikh le. Sala Us kya pahuch gaya apna aukad bhul gaya kya .Tere ghar me ab to toilet bangaya hoga na? Ddaji to sdak pe hi jate honga lote le ke? Pahela khud sudhar aur uske baad dushre ke bareme soch.
Ok Mr. gunk