Wednesday, July 15, 2015

हिन्दी भाषा मधेसी अस्मिता के केन्द्र में है

हिन्दी भाषा को नेपाली भाषा के समकक्ष जगह नहीं मिलता तो मधेसी को नेपाल में समानता नहीं मिलेगी। मधेसी को नेपाल में समानता न मिलने का प्रमाण है वो। वंशज/अंगीकृत वाला नौटंकी खत्म नहीं होता तो मधेसी को नेपाल में समानता नहीं मिलेगी। मधेसी को नेपाल में समानता न मिलने का प्रमाण है वो। पहले महेन्द्र ने कु किया, देश पर पंचायत व्यवस्था लादा, और उसके बाद एक जात का राज्य बनाने के प्रयास में ये वंशज/अंगीकृत वाला नौटंकी लाया। उससे पहले नहीं था। उस नौटंकी को ये लोग कायम रखना चाहते हैं।

हिन्दी भाषा मधेसी अस्मिता के केन्द्र में है। मधेसी पहचान के अंतर्गत बहुत किस्म के लोग हैं। उन सबको एक सुत्र में बांधने का काम हिंदी भाषा करती है। हिन्दी नहीं तो मधेसी पहचान नहीं, हिन्दी नहीं तो मधेसी अस्मिता नहीं। हिन्दी भाषा ही तो है जो हमें मधेसी बनाती है। ये भाषा से ज्यादा है, ये तो हमारा धर्म जैसा है।

हिन्दी भाषा को नेपाली भाषा के समकक्ष जगह नहीं मिलती तो वो इस देशमें मधेसी को समानता न मिलने का सबुत है। जिस देशमें मधेसी को समानता न मिले उस देशमें मधेसी को रहना नहीं

हिन्दी भाषाको स्थान के हुने?
हिन्दी भाषा को पहाड़ी हरु लाई महत्त्व
हिन्दी भाषा र नेपाल
वीपी कोइराला र नेपालमा हिन्दी भाषा
राज्यका भाषाहरु
प्राथमिक भाषा र हिंदी भाषा
दुई गाउँ को कथा

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