Thursday, October 29, 2015

In The News (83)

नयाँ शक्तिको औचित्य, आधार र निर्माण प्रक्रिया
कांग्रेसको पुच्छर एमाले, एमालेको पुच्छर माओवादी
नेपालले चीनसँग तेल किन्ने सम्झौताबारे भारत भन्छ- ‘पर्खौं र हेरौं’
अब नेपालमा तेलको आपूर्ति बढाउँछौं : आइओसी
सरकार र मधेसी मोर्चाको वार्ता राजनीतिक मुद्दामा प्रवेश नै गरेन
चीनको स्पष्टीकरण : नेपाललाई आपतकालीन रुपमा तेल उपलब्ध गराइएको हो
चीन सरकारले नेपालमा तेलको अभाव भइरहेका बेला आपतकालीनरुपमा पेट्रोलियम पदार्थ उपलब्ध गराउने निर्णय भएको स्पष्ट पारेको छ । .....चिनियाँ विदेश मन्त्रालयका प्रवक्ता लु खाङले आफ्नो नियमित पत्रकार भेटघाटमा बिहीबार स्पष्ट भनेका छन् कि नेपालमा भइरहेको तेलको कमीलाई पूर्ति गर्न चीनले आपतकालीन रुपमा तेल दिन लागेको हो । .....के चीनले नेपाललाई नियमितरुपमा तेल उपलब्ध गराउन लागेको हो भन्ने सञ्चारकर्मीको प्रश्नमा लु ले भने-‘नेपाली पक्षको अनुरोधअनुसार निश्चित मात्रामा आपतकालीन रुपमा तेलको समस्या टार्न चीन सरकारका तर्फबाट निर्णय भएको छ ।’..... प्रवक्त लु ले यसबारे छलफल गर्न नेपाल टोली चीनमा आएको पत्रकार सम्मेलनमा बताए । उनले तेलको ब्यापारबारे छलफल भइरहेको बताएका छन् ।
बिनानिष्कर्श टुंगियो सरकार–मोर्चा वार्ता अर्को वार्ता १५ गते
चीन का नाम लेकर भारत को धमकी ! सरकार खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी चला रही है : श्वेता दीप्ति
अर्जुन को मछली की आँख दिख रही थी और इन्हें सिर्फ और सिर्फ कुर्सी दिख रही है । न तो भूकम्प से पीड़ित जनता इन्हें पहले दिखी थी और न आज पूरे देश की बदहाल जनता दिख रही है । आज भी भूकम्प से पीड़ित जनता त्रिपालों में जिन्दगी बसर कर रही है । बारिश के थपेड़ों को इन्होंने झेल लिया और अब शीत का कहर झेलने को तैयार हैं । परन्तु राहत के नाम पर करोड़ों के वारे न्यारे करने वाले इन सबसे बेखबर अपने अकाउन्टस को भरने पर लगे हुए हैं । ..... रोज नेपाली मीडिया एक नई उम्मीद से भरी खबर सुना रही है, आज चीन से इंधन आ रहा है, आज पेट्रोल आ रहा है तो आज डीजल आ रहा है । परन्तु कड़वा सच यह है कि आज अगर देश अपनी सामान्य गति को छोड़कर भी किसी तरह चल रहा है, तो सिर्फ वह भारत से आ रहे टैंकर की वजह से ।

चीन से ही लाना है तो अब तक लाया क्यों नहीं जा रहा है ?

..... जिस रास्ते से आम आदमी आसानी से नहीं आ जा सकते उस रास्ते से तेल और गैस के टैंकर कैसे आ जा सकते हैं ? सुनने में आ रहा है कि नेपाल की गाड़ियों को चीन में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी अगर होगी भी तो केवल २० किलोमीटर तक | बल्कि चीन सीमा तक अपनी गाड़ी से आवश्यक सामान की पूर्ति करेगा, तो क्या इसका मतलब यह है कि चीन को नेपाल पर भरोसा नहीं है ? और हो भी कैसे, जो चीन अपनी जनता पर यकीन नहीं करता और हमेशा खतरा महसूस करता है वह भला किसी दूसरे देश पर भरोसा कैसे कर सकता है ? ...... जिस रास्ते या नाके से तेल, पेट्रोल, डीजल, इंधन लाने की बात हो रही है, उसकी हालत क्या सरकार को नहीं दिख रही है ? आज रास्ता खुलता है तो कल प्रकृति के प्रकोप से बन्द हो जाता है । साल में कुछ ही महीने वो रास्ते खुले होते हैं और वह भी जोखिमपूर्ण अवस्था में हमेशा होते हैं, तो क्या वह रास्ता आयात निर्यात के लिए सही है ? ...... मान लिया जाय कि सरकार ने मन बना ही लिया है कि अब भारत से नहीं चीन से पेट्रोलियम पदार्थ मंगाया जाय, तो इसे कार्यान्वयन करने में काफी वक्त लगेगा, तब तक जनता का क्या ? क्या जनता भूखी मरेगी ? ....... उनके घरों में समस्या नहीं है इसलिए वो शान से कह रहे हैं कि हम भूखे रहेंगे पर नहीं झुकेंगे, परन्तु वास्तविकता इससे कोसों दूर है । न तो इनके लिए गैस की कमी है और न पेट्रोलियम पदार्थ की । खरबों की आर्थिक क्षति को झेलता हुआ देश, नेताओं की गलत नीतियों की बलि चढ़ रहा है । भावुक और अन्धी जनता भी उनके नक्शे कदम पर साथ साथ है । ...... सुनने में आया है कि चीन का तेल भारतीय तेल से कहीं अधिक गुणस्तरीय है । यह अच्छी खबर है, किन्तु साथ ही यह भी सुनने में आया है कि चीन के तेल के प्रयोग से यहाँ की गाड़ियों के पार्ट पुर्जे के खराब होने की सम्भावना अधिक है । अगर यह सच है तो मुश्किल है, क्योंकि गाड़ियों के पार्टपुर्जे अधिकांशतः भारतीय होते हैं । ......

वरना जिसतरह बीमार नेता वेन्टीलेटर पर स्वयं रहकर देश को चलाना चाह रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब स्वयं देश को वेन्टीलेटर की जरुरत हो जाएगी ।

'I will never forgive what India has done to me'
Across Nepal, India is the talking point. From politicians to the media and the man on the street, almost everybody blames India for what they call an "undeclared blockade", leading to a fuel crisis and resulting in rising anger against a neighbour Nepal has always shared a love-hate relationship with. ..... Petrol is being sold at five times the price in the black market, cooking gas cylinders, which cost around Rs 1,000 (in Nepalese currency) till recently, now cost Rs 8,000-10,000. Some motorists say that they had to wait for a day at government pumps before they could buy rationed fuel. .....

The loss to the Nepal economy because of the blockade is being pegged wildly at anywhere between USD 2 billion and 10 billion

..... New Delhi wants proportional representation of Madhesis, Tharus and others in Parliament as promised in the interim Constitution. It wants these communities' representation in government structures to be increased and the formation of new states for the border people. ....... "By all accounts, Jaishankar was uncouth, brash and imperial in his behaviour towards Nepal's politicians," says Kathmandu-based political analyst Kanak Mani Dixit. "It left no doubt in anybody's mind that the orders had come from the Prime Minister to act tough. Otherwise Jaishankar is too sophisticated to resort to such things," Dixit says. ..... An Indian embassy official pooh-poohs the claim. Jaishankar, he says, was "professional and courteous" with the leaders he met. "The media in Kathmandu have always been critical of special envoys. No politician that Mr Jaishankar met has said anything negative about the meetings." ..... "These are clear violations of the interim Constitution that promised us seats and states according to our population," says Mahant Thakur, president of the Terai Madhes Loktantrik Party that is leading the protest. Madhesis, Tharus, Dalits, Muslims and others are estimated to comprise more than 50 per cent of Nepal's population. ...... Traditionally dominated by the hill Brahmins or Bahuns in politics and Kshatriyas (Chhetris) in the bureaucracy and judiciary, Nepali ruling formations are likely to continue even under the new Constitution. "There is no doubt that the new Constitution was worked out so that it doesn't threaten the hold of traditional hill-based social groups," opines Nepal expert S.D. Muni ...... Indian investments in Nepal run into billions of dollars. Nepal imports almost 70 per cent of its needs through India. And almost all its fuel and cooking gas is routed through checkpoints between India and Nepal, the largest being Birgunj...... Scarcity of fuel has fanned other protests - with student groups out on the streets. "The new generation of Nepalese can go without fuel for months but we are not ready to bend before India," says Kishor Bikram Malla, a student leader of the student wing of the CPN (UML). ..... "Nepali nationalism often takes an anti-Indian colour, especially when the internal political differences in Nepal grow. This is not a new phenomenon and we should have seen this coming," former ambassador to Nepal Rakesh Sood says. There was a "clear change in the perception" between Modi's August visit and when he visited Nepal for a regional summit last November, he says. ..... For Shrestha, that's cold comfort. "I will never forgive or forget what India has done to me," he says.
मधेसी मोर्चाका जायज माग सम्वोधन गर्न चुरे भावरको माग
चुरे भावर प्रदेश कार्यान्वयन नभए आन्दोलन गर्ने चेतावनी



झापा, मोरङ र सुनसरी मधेशमै चाहिन्छः महतो

“जो मधेशीसँग बस्न रुचाउँदैन त्यो समुदाय जहाँबाट आएको हो उतै फर्के हुन्छ ।”

सरकारसँगको वार्ता भंग गर्ने मधेसी मोर्चाको चेतावनी
उपेन्द्र यादव भन्छन्-आजको वार्ता अन्तिम हुनसक्छ
वार्ता सार्थक नभए वार्ताबारे पुनर्विचारः उपेन्द्र यादव
आन्दोलन रोकिदैन , अझ चर्किन्छ : उपेन्द्र यादव



पासाङलाई उपराष्ट्रपति बनाउने सहमति तोडिए सरकार छाड्ने प्रचण्डको चेतावनी
एमाले नेताहरुले उपराष्ट्रपति साना दललाई दिनुपर्ने प्रस्ताव गरेपछि एमाओवादी बिच्किएको हो ।
China-Nepal sign deal, India waits for pact to translate on ground
In two separate agreements, China has promised to give a one-off 1000 metric tonnes of petroleum products as grant and signed an MoU for petroleum supply. Kathmandu sees the move as a strategic signal to India, in the backdrop of a month long disruption of supplies. The Nepali elite sees it as a way of diversifying economic links, and reducing dependence on India. ...... Almost 70% of Nepal’s trade is with India, bulk of its even third country trade happens through India, and almost half the foreign investment in Nepal is from India. ..... India is also understood to be waiting and watching to see how the deal translates on the ground. There is a feeling that the move could be more symbolic than substantive. ..... China cannot be a ‘sustainable, fruitful alternative.” “The grant is about 100 tankers of fuel which barely meets our needs for a day or two. Roads are difficult to navigate, especially post earthquake. And in a few months, it would be under snow. Nepal can’t change its geography and neighbours.” ..... The deal triggered a reaction in the Tarai where protests are in its 78th day against the constitution. Rajendra Mahato, a top Madhesi leader and a former minister of supplies, told HT on the phone, “We have blocked the border for the past month to generate pressure on Kathmandu to meet our demands. For China to step in at this point to help Kathmandu means they have taken sides against the Madhes andolan. In a general situation, we are not opposed to it, but in this context, we view it as an unfriendly act, against us.”.....In Birgunj and Janakpur, protestors took out rallies, with ‘Back Off China’ slogans. Mahato added that when China welcomed the constitution opposed by Madhesis, its flag was burnt in Tarai. He warned protests against Beijing would continue. “They have alienated one third of the country.”...... Meanwhile, Tarai leaders have complained that current fuel supplies from India to Nepal are concentrated in Kathmandu and do not reach the Tarai. They have pointed to this as yet another instance of discrimination from the centre.
चीन विरुद्ध घोषित आन्दोलन गर्ने महतोको चेतावनी, हिमाली नाका पनि बन्द गराउने
आन्दोलनरत मधेसवादी दलहरुलाई चीनसँगको इन्धन सम्झौताले निद हराम पारेको छ । ....

चीनसँग जोडीएका नाका बन्द गर्नकालागि जनजाती र थारु आन्दोलनकारीहरुसँग छलफल भैरहेको

राजेन्द्र महतो भन्छन् : चीन हाम्रो दुश्मन
चीन विरोधी प्रदर्शन रोक्न सरकार उदासीन
सरकारलाई एन्टिबायोटिकको डोज पुगेको छैन : त्रिपाठी
“सरकारको रवैया यस्तै रहने हो भने हामीले धेरै कुरामा पुनर्विचार गर्नुपर्छ ।”
Nepal oil shock for India
India's strategic establishment was scrambling this evening to counter Nepal's biggest diplomatic swerve away from New Delhi in years after Kathmandu inked a pact to import fuel from Beijing. .... The agreement, signed by Nepal Oil Corp and Petro China in Beijing today, is being viewed as a message to New Delhi from Nepal that it had given up efforts to ease the blockade and was seeking a bear hug with India's strategic rival ..... China today promised gasoline worth $1.3 billion as a grant, beyond which Nepal can buy fuel under the agreement. Nepal has not bought fuel from China for four decades in a bid to pacify India. ..... Kathmandu cannot replace India as the primary route of imports. The inhospitable climate along Nepal's border with China will not allow that, they insist. But today's deal has triggered the first signs of self-doubt in that belief. ..... India has repeatedly denied the charge, insisting that the blockade was solely a consequence of protests by the Madhesi community that dominates the plains and is convinced the new Constitution denies them fair rights.
पुर्वराजा ज्ञानेन्द्रले मिलाए केपी ओली, प्रचण्ड र कमल थापालाई

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